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निवेश योजनाएं: वह सब कुछ जो आपको जानना चाहिए

दावोस शिखर सम्मेलन, 2024 में भारत का वैश्विक आर्थिक प्रभाव

हमने जितना लोन लिया था, सब मशीन खरीदने में खर्च हो गया. सियासत से इतर भारत के बांग्लादेश के साथ कारोबारी रिश्ते भी बेहद मजूबत हैं. दक्षिण एशिया में बांग्लादेश, भारत का सबसे बड़ा व्यापार साझेदार है. फिलहाल, बांग्लादेश की सेना ने देश में अंतरिम सरकार का गठन करने की घोषणा कर दी है.

निवेश बांग्लादेश

लंबे समय से चले आ रहे तनाव के बावजूद, भारत ने पाकिस्तान से भी संपर्क साधा. पिछले साल, भारत के विदेश मंत्री शंघाई सहयोग संगठन (SCO) की बैठक में हिस्सा लेने के लिए पाकिस्तान के दौरे पर गए. पिछले नौ साल में भारत के किसी विदेश मंत्री का ये पहला पाकिस्तान दौरा था. इसके बाद दोनों देशों ने श्रद्धालुओं की वीज़ा मुक्त आवाजाही के लिए करतारपुर कॉरिडोर समझौते का भी नवीनीकरण किया.

बांग्लादेश को भारत का स्वाभाविक पार्टनर माना जाता था, लेकिन अब यह धारणा टूटती दिख रही है. ज़ाहिर है बांग्लादेश के निर्माण में भारत की बड़ी भूमिका रही है, लेकिन चीन पाकिस्तान के क़रीब तो है ही बांग्लादेश के भी क़रीब आ गया है. ढाका में पाकिस्तान उच्चायोग सईद अहमद मारूफ ने अपने बयान में कहा कि जाइंट बिजनेस काउंसिल व्यापार और निवेश संबंधी जानकारियों के आदान-प्रदान और व्यापार प्रतिनिधिमंडलों के गठन के लिए एक मंच के रूप में काम करेगी. बांग्लादेश इन टैरिफों को सिर्फ व्यापारिक नहीं, बल्कि कूटनीतिक दबाव के रूप में देख रहा है. ऐसे में यूनुस सरकार की ओर से स्टारलिंक को हरी झंडी देना एक दोतरफा संदेश है- एक ओर अमेरिका के भीतर ही टेक्नोलॉजी इंफ्लुएंस रखने वाले एलन मस्क को अपने पाले में लाने की कोशिश, दूसरी ओर ग्रामीण और दूरदराज़ इलाकों में डिजिटल कनेक्टिविटी को नया बल देना. भारत द्वारा अवैध बांग्लादेशी प्रवासियों के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान ने बांग्लादेश में हड़कंप मचा दिया है.

दो सितम्बर को बांग्लादेश की जमात-ए-इस्लामी पार्टी नेताओं के साथ मीटिंग में याओ ने उसे एक “अनुशासित पार्टी” बताया था. बांग्लादेशी नेता ने एक ऐसा माहौल तैयार करने का आग्रह किया जहाँ युवजन फल-फूल सकें, नवाचार समाधान खोजें और नेतृत्व करें. उन्होंने मानव गरिमा, स्वाधीनता व सामाजिक न्याय का भी समर्थन किया, और माना कि ये बड़े बदलाव अपने साथ चुनौतियाँ भी लेकर आए हैं.

मोहम्मद यूनुस की गलत नीतियों के कारण देश की जनता त्रस्त हो चुकी है. उन्हें कुछ समझ नहीं आ रहा कि बांग्लादेश को आर्थिक संकट से कैसे उबारा जाए. पाकिस्तान की तरह ही अब बांग्लादेश की आवाम भी दाने-दाने को मोहताज होने लगी है.

हर तरफ़ चीन

दोनों देशों के बीच कई ऐसे लंबित मुद्दे रहे हैं जिनका निपटारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली एनडीए की सरकार के दौरान हुआ है. इनमें सबसे प्रमुख रहा दोनों देशों के बीच ‘एन्क्लेव’ के मुद्दे का निपटारा. मोंगला Quotex Bangladesh बंदरगाह के माध्यम से बेहतर कनेक्टिविटी भारत और बांग्लादेश के साथ-साथ क्षेत्र के अन्य देशों के बीच माल की आवाजाही को सुविधाजनक बनाती है. वहीं यह स्थान बंगाल की खाड़ी क्षेत्र में भारत की रणनीतिक उपस्थिति और निगरानी क्षमताओं को बढ़ाता है. बंगाल की एक स्थिर और सुरक्षित खाड़ी क्षेत्र की समग्र सुरक्षा और स्थिरता के लिए महत्वपूर्ण है.

निवेश मंच

एनआईआईएफ फंड का उपयोग कैसे किया जाता है?

इसके साथ चीनी राजदूत ने बांग्लादेश से आग्रह किया है वो चीन की ज़रूरतों को ध्यान में रखते हुए उत्पाद बनाए. 5 नवंबर को बांग्लादेश के एक अख़बार ‘प्रोथोम आलो’ में छपी एक ख़बर के मुताबिक़ चीनी राजदूत ली जिमिंग ने बांग्लादेश के सामने एक बड़ा प्रस्ताव रखा है. जिमिंग ने ‘बांग्लादेश-चीन सिल्क फोरम’ को संबोधित करते हुए कहा कि, “चीन तीस्ता बैराज प्रोजेक्ट पर गंभीरता से विचार कर रहा है. अगर बांग्लादेश सरकार ये प्रोजेक्ट करना चाहती है तो चीन इसके लिए तैयार है.” चीन ने बांग्लादेश में कई और भी नए प्रोजेक्ट शुरु करने के भी प्रस्ताव दिए हैं.

पोर्टफोलियो प्रबंधन सेवाओं का उदहारण

2024 में भारत ने मोंगला बंदरगाह के एक टर्मिनल के संचालन अधिकार हासिल किए, जिसे इंडियन पोर्ट्स ग्लोबल लिमिटेड (IPGL) संभालेगा. इसके अलावा, भारत ने बांग्लादेश में खुलना-मोंगला रेल लाइन जैसी परियोजनाओं में निवेश किया है ताकि क्षेत्रीय कनेक्टिविटी बढ़े. भारत की नेबरहुड फर्स्ट पॉल‍िसी और “एक्ट ईस्ट” पॉल‍िसी के तहत वह बांग्लादेश के साथ अपने संबंधों को मजबूत करने की कोशिश कर रहा है.

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